शुक्रवार, फ़रवरी 11, 2011

शांति के कबूतर उड़ाने वालों के लिए खतरे की घंटी

- रोहतक-झज्जर-सोनीपत में बढ़ रहे हैं फिरौती के मामले
- अमीरी बढऩे के साथ अपराध दर में भी हुआ है इजाफा
देवेंद्र दांगी, रोहतक :
हरियाणा में पिछले कुछ सालों के दौरान धनवानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। उसी रफ्तार से दिल्ली के साथ लगते एनसीआर में आने वाले प्रदेश के इलाके में एक्सटार्सन के मामलों में भी इजाफा हुआ है। हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि सभी जिलों में ही फिरौती के मामले बढ़े हों। कुछ जिलों में इस अपराध में कमी दर्ज हुई है लेकिन, रोहतक झज्जर एवं सोनीपत आदि जिलों में फिरौती के मामलों में दो गुणा से भी अधिक बढ़त होना समाज के लिए चिंता का विषय बन गया है। राज्य सरकार भले ही कानून-व्यवस्था के दुरुस्त होने का दावा ठोकती रहे मगर हकीकत यही है कि दिल्ली के नजदीक ललते हरियाणा के जिलों में फिरौती की वारदात अंजाम दी जा रही हैं। पुलिस के तमाम प्रयास के बावजूद बदमाशों के हौसले पस्त होने की बजाय आज भी बुलंद हैं। इस हकीकत को अधिकारी वर्ग बेशक अपनी जुबान से स्वीकार न भी करे लेकिन, पुलिस का रिकार्ड तो सच बोल ही रहा है। इस रिकार्ड के मुताबिक रोहतक पुलिस रेंज के अंतर्गत आने वाले झज्जर, रोहतक, सोनीपत, पानीपत एवं करनाल जिलों 2009 में फिरौती के कुल 26 केस रजिस्टर हुए थे जो 2010 में बढ़कर 36 हो गए। इसमें सबसे चौकाने वाली बात जो है वह है मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा के गृह जिले रोहतक एवं साथ लगते झज्जर तथा सोनीपत जिलों की स्थिति। इन तीनों ही जिलों में बीते साल फिरौती के मामलों में खासा इजाफा दर्ज किया गया है, जिसको लेकर खाकी वर्दी वालों को चिंतन की बेहद आवश्यकता है। वर्ष 2009 में रोहतक में कुल 6 केस फिरौती के दर्ज हुए थे जो अगले साल बढ़कर 12 हो गए। यानी पहले से दो गुनी वारदात यहां अंजाम दी गईं। इसी तरह से बात यदि, झज्जर जिले की करें तो बेशक, सेज की एवज में हुई भू-अधिग्रहण के मुआवजे से अनेक किसान करोड़पति बन गए हैं लेकिन, फिरौती के मामलों में वहां रोहतक से भी अधिक तेजी आई है। झज्जर वह जिला है जहां करीब-करीब तीन गुणा तक एक्सटार्सन केस अधिक दर्ज हुए हैं। साल 2009 में झ्ज्जर में महज 5 केस रजिसटर हुए थे जबकि बीते साल इनकी संख्या 13 तक पहुंच गई है। इस इलाके में फिरौती के मामलों में खासी बढ़ोतरी वाकई में शांति के कबूतर उड़ाने वालों के चेहरों का रंग भी उड़ाने लगी है। बात पानीपत एवं करनाल की करें तो वहां पर फिरौती के मामलों में कमी दर्ज होना अमन की चाह रखने वालों के लिए राहत भरी खबर कही जा सकती है लेकिन एनसीआर में आने वाले सोनीपत, झज्जर एवं रोहतक में बज रही खतरे की घंटी पर खाकी वर्दी वालों को कान धरने की बेहद जरूरत है।
रोहतक पुलिस रेंज के आईजी वी. कामराज हकीकत को स्वीकारते तो हैं मगर, उनका कहना है कि स्थिति इतनी भी खराब नहीं है। उनका कहना है कि अपराध पर काबू पाने के प्रयास गंभीरता से किए जा रहे हैं। काफी हद तक पुलिस को कामयाबी हासिल भी हुई है लेकिन, अभी बहुत सा काम किया जाना बाकी है। पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार लाते हुए अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए नई-नई प्लानिंग भी की जाती हैं।