रविवार, जुलाई 25, 2010

मतभेदों की खाई ने बहाया अपनों का खून

- वारदात से सहमे हुए हैं ईस्माइला के ग्रामीण


देवेंद्र दांगी।


रोहतक/सांपला, 25 जुलाई । रविवार की सुबह गांव ईस्माइला 11बी में सरेआम अंजाम दी गई वारदात को पिता-पुत्र के बीच उभरे मतभेदों की गहरी खाई का दुष्परिणाम कहा जाए तो शायद कुछ भी गलत नहीं होगा। ग्रामीणों से लेकर पुलिस तक सभी लोग ऐसा मान रहे हैं कि यह बाप-बेटे के बीच गहरे हो चुके मतभेदों के चलते अंजाम दी गई वारदात है। किसी ग्रामीण एवं पारिवारिक सदस्य ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि बाप-बेटे के बीच उपजे मतभेद एक रोज दिल को दहला देने वाली रक्त रंजित वारदात के जन्मदाता साबित होंगे।


इस खूनी वारदात की गहराई में जाकर तहकीकात करें तो मालूम होता है कि यह कोई त्वरित उपजे मतभेद या रंजिश के चलते अंजाम दी गई वारदात नहीं बल्कि सोची-समझी साजिश थी, जिसने देवर-भाभी को मौत के आगोश में समाने पर मजबूर कर डाला। ग्रामीणों के मुताबिक बेटे के हाथों गोलियां खाकर मौत के मुंह में समाए राजेंद्र की पत्नी फूलवती की आज से करीब अट्ठारह बरस पहले मौत हो गई थी। हालांकि, तब उसकी मौत को लेकर कुछ सवाल फिजां में तैरने लगे थे, लेकिन मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा था।


दबी जुबान में ग्रामीण बताते हैं कि पत्नी की मौत के बाद राजेंद्र ने अपने बेटों जसबीर उर्फ जस्सा एवं मनजीत की परवरिश की कोई खास परवाह नहीं की। उनको छोड़कर वह अपने बड़े भाई रामकिशन व उसकी पत्नी शकुंतला के साथ रहने लगा। ऐसे में दोनों बच्चों की देखभाल एवं पालन-पोषण का जिम्मा उसके छोटे भाई तेजा की पत्नी कमलेश ने उठाया। कमलेश ने दोनों बच्चों को मां की कमी नहीं खलने दी। वक्त का पहिया घूमता रहा और दोनों बच्चे बड़े होते गए। इसी बीच राजेंद्र ने गांव में ही किरयाणे की दुकान बना ली मगर, जसबीर व मनजीत अपने पिता के प्यार से लगभग महरूम ही रहे। इसी बीच अपने भाई-भाभी के साथ रह रहे राजेंद्र के अपने बच्चों के प्रति आचरण को लेकर कई बार वाद-विवाद की स्थिति भी उपजी लेकिन मामला विस्फोटक होने से बचा रहा।






चीकू बनी वारदात की चश्मदीद


रोहतक। दोहरे हत्याकांड की चश्मदीद बनी अपने पिता एवं ताई के मुख्य हत्यारोपी जसबीर उर्फ जस्सा की चचेरी बहन चीकू। वह चीकू ही है जिसने पूरे मंजर को अपनी सहमी हुई आंखों से देखा है। पुलिस के मुताबिक जिस वक्त राजेंद्र पर गोलियां बरसाई गई शकुंतला की बेटी चीकू अपने चाचा राजेंद्र को दुकान पर चाय देने के लिए आई हुई थी। राजेंद्र को गोलियां मारकर भागे हत्यारोपियों का उसने पीछा भी किया मगर वे हाथ नहीं आ सके और आगे जाकर उन्होंने चीकू की मां शकुंतला को भी मौत की नींद सुला दिया। बेबस, चीकू अपनी आंखों के सामने अपनों के हाथों अपनों का खून होते देखती रही मगर उनके बचाव में कुछ नहीं कर सकी।






हत्यारों को तलाशने के लिए 2 टीमें गठित


रोहतक। रविवार की सुबह ईस्माइला के बाशिंदों के लिए मनहूस साबित हुई। शांत फिजां में गोलियों के धमाके गूंजे तो ग्रामीण भी एकदम से सदमे में आ गए। तीन युवक अपनो का कत्ल कर सरेआम खून की होली खेलकर बाइक पर सवार होकर मौका-ए-वारदात से निकल गए और किसी ग्रामीण ने उनको रोकने की जहमत नहीं उठाई। बहरहाल, उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर सांपला पुलिस ने जोरशोर से तलाशी अभियान छेड़ दिया है और पुलिस कप्तान उनकी जल्द गिरफ्तारी की बात भी कह रहे हैं। इसी सिलसिले में पुलिस की दो स्पेशल टीमों का गठन भी किया गया है।


सांपला पुलिस थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर राजबीर सिंह ने बताया कि एक टीम का नेतृत्व वे स्वयं कर रहे हैं जबकि दूसरी टीम की अगुवाई सब इंस्पेक्टर श्रीभगवान को सौंपी गई है। पीडि़त परिवार से मिली इनपुट के सहारे मामले की इन्कवायरी को आगे बढ़ाते हुए दोनों ही पुलिस टीमें हत्यारोपियों के छिपने के संभावित ठिकानों पर छापामारी कर रहे हैं मगर, देर शाम तक पुलिस के हाथ कामयाबी नहीं लग पाई थी। इसी बीच पुलिस सूत्रों को कुछ ऐसी भी सूचनाएं मिली हैं कि अपने पिता एवं ताई शकुंतला की हत्या का आरोपी जसबीर उर्फ जस्सा फिलहाल नजदीक की किसी रिश्तेदारी या फिर अपने किसी खास दोस्त के यहां पनाह लिए हुए हो सकता है।


इन्हीं सूचनाओं के आधार पर पुलिस की टीमें उनके छिपने के ऐसे तमाम संभावित ठिकानों को निशाने पर लेते हुए देर शाम तक छानबीन में जुटी हुई थी। हालांकि, प्रारंभिक तौर पर की गई छापामारी में पुलिस को जसबीर एवं उसके दोस्तों का कोई अता-पता नहीं मिल सका है मगर एसएचओ राजबीर कहते हैं कि पुलिस तेजी से अपना काम कर रही है और हत्यारोपियों को गिरफ्तार करने में अधिक वक्त नहीं लगाएगी। पुलिस की हर संभव कौशिश है कि तीनों हत्यारोपी जल्द से जल्द सलाखों के पीछे पहुंच जाएं।


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