रविवार, जून 13, 2010

27 मिनट का आंखों देखा हाल

सावधान! नशेड़ी गश्त पर हैं
सड़क पर जाम छलकाते मिले पुलिस कर्मचारी
देवेंद्र दांगी।
रोहतक, 13 जून।
नेशनल हाइवे पर पुलिस की ओपन जिप्सी में तेज आवाज में गूंजता पॉप संगीत, जिप्सी के ठीक पीछे बैठकर नशे में झूमते पुलिस वाले, चाकरी करते हुए उनको शराब परोसते एक सेवादार और अरेआम बदनाम होती खाकी वर्दी। यह वो हकीकत है जो 12 जून की देर रात शहर के हिसार बाईपास पर गुजरी।
कुछ पुलिस वालों की पूरे डिपार्टमेंट को ही शर्मसार कर देने वाली इस हकीकत से न केवल मैँ बल्कि राहगीर एवं आसपास मौजूद लोग भी रूबरू हुए। हालात देखकर लगा मानो शराबी पुलिस वालों ने खाकी वर्दी की बची-खुची इज्जत को भी नीलाम करने की कसमें खा रखी हों।
शनिवार की रात को पेश आए इस घटनाक्रम की 10:03 से लेकर 10 बजकर 30 मिनट तक की आंखों देखी दास्तां मैं आपको बता रहा हूं। जिप्सी नंबर - एच.आर.46बी-9129 नेशनल हाइवे नंबर-10 पर हिसार रोड बाईपास पर हनुमान मंदिर से कुछ आगे एमजी मोटर्स के पास एक ढाबे के बराबर में खड़ी थी। जिप्सी में तेज आवाज में हरियाणवी पॉप संगीत चल रहा था और चालक अपनी सीट पर ही सुस्ता रहा था। जिप्सी के पीछे लकड़ी के ल बे स्टूल पर शराब की बोतल एवं तीन-चार गिलास व नमकीन भी रखी थी। वहां पड़ी प्लास्टिक की कुर्सियों पर दो पुलिस वाले और एक सिविलियन बैठे जाम छलकाने में मस्त थे। सेवादार उनको पैग बनाकर देता और वे पैर फैलाए कुर्सी पर पसरे नमकीन के साथ चुस्कियां ले लेकर दारू गटक रहे थे।
इसी बीच उनकी आवाज पर ढाबे से एक लड़का भी कई बार दौड़कर आया और जनाब की फरमाइश पूरी करता रहा। इन 27 मिनट में पुलिस वालों का दारू पीकर यह हाल था कि उनका इस बात तक का याल तक नहीं रहा कि कोई अनजान श स बिलकुल नजदीक से उनकी हरकतें रिकार्ड कर रहा है। साथ लगते ढाबे पर बैठे कुछ ग्राहक आपस में उन शराबियों की हरकतों पर ही विचार-विमर्श कर रहे थे। एक बोला, बताओ क्या जमाना आ गया है। कानून का पाठ पढ़ाने वाले ही कानून की...(अपशब्द) हैं। आसपास बैठे लोगों ने भी उसके सुर में सुर मिलाया, मगर मय के नशे में झूम रहे पुलिस वालों को टोकने की हि मत किसी ने नहीं दिखाई। बस आपस में बातचीत करते हुए वे पुलिस वालों को कोसते रहे।
शराबी पुलिस वालों के बारे में उनकी टिप्पणी सुनकर इस बात का एहसास साफ तौर से हो चला था कि खाकी वर्दी के प्रति इन लोगों की सोच कहां तक पहुंच गई है। खैर, इसमें उन आम नागरिकों का कोई कसूर नहीं क्योंकि सामने का नजारा खुद उन्हें ऐसा सोचने और कहने पर मजबूर जो कर रहा था। दूसरी ओर, जिप्सी में अब भी हरियाणवी संस्कृति को तार-तार करता हुआ पॉप संगीत बज रहा था। इस बीच शराबी पुलिस वाले तीसरे श स यानी अपनी सेवादार को अपनी तथाकथित बहादुरी के किस्से सुनाने से भी नहीं चूके। यहां तक कि उनमें से एक ने तो अपने महकमे के प्रति अपनी छोटी सोच का परिचय देते हुए भद्दी भाषा में जमकर अपनी भड़ांस भी निकाली। यहां तक कि अपने ही महकमे के आला अफसरों के बारे में भी तरह-तरह की टिप्पणी उनके मुंह से सुनने को मिली, जिन्हें शराब पीकर खुद का ही ख्याल नहीं था।
खैर, जैसे-तैसे वक्त गुजरता रहा और जाम छलकते रहे। अंग्रेजी शराब की बोतल खत्म होने को ही थी कि सिटी थाने की एक और पुलिस जिप्सी वहां पर आकर खड़ी हुई। गनमैन एवं ड्राइवर अपने महकमे के दोनों जवानों को देखकर हैरान भी हुए और परेशान भी। करीब तीन मिनट तक उनमें बातचीत हुई। इसी दौरान गनमैन की नजर शराबी पुलिस वालों की हरकतें नजदीक से देख रहे मेरे ऊपर पड़ी तो उसने शराबी वर्दीधारियों को सावधान किया। साथ ही मुझसे भी पूछा कि आप यहां पर इतनी रात को क्या कर रहे हो। कुछ देर बातचीत का सिलसिला चला और जब उनको मालूम हुआ कि वे एक खबरची से बात कर रहे हैं तो स्थिति वाकई देखने वाली थी। शराब के जाम छलकाने वाले पुलिस वर्दीधारी भी आसन छोड़कर माफी मांगने लगे। बदले में करारा जवाब मिला तो उन्होंने गश्त करने की बात कहते हुए भाग निकलने में ही अपनी भलाई समझी। नाम पूछे जाने पर कोई जवाब देने की बजाय उन्होंने गाड़ी में हरियाणवी पॉप संगीत का आनन्द लेते हुए सुस्ता रहे अपने तीसरे साथी को आवाज लगाई और जिप्सी में बैठकर शहर की ओर निकल भागे।
मामले को लेकर अगले रोज आईजीपी वी. कामाराजा से बातचीत की गई तो वे खुद हैरान थे कि किस कद्र कुछ वर्दीधारी अपनी करतूतों से पूरे पुलिस डिपार्टमेंट को ही बदनाम करने का काम कर रहे हैं। खैर, आईजी साहब ने आश्वासन दिया कि दोषी पुलिस वालों को सस्पेंड किया जाएगा और मामले की बारीकी से जांच होगी।

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

भाई साहब दांगी जी, आपका लिखा हुआ पढ़ा। बहुत अच्छा किया जो इन बेशर्म हो चुके वर्दी वालों की करतूत के बारे में आपने बेबाक होकर लिखा। काफी दिनों के पश्चात कोई इतना बोल्ड लिखने वाला नजर आया है नहीं तो सब लोग इन पुलिस वालों की हाजिरी ही बजाते नजर आते हैं। आपने खासकर अपने लेख में जिन शब्दों का चयन किया है वह वास्तव में सराहनीय है। उम्मीद है आगे भी आपके ब्लाग में यही तेवर नजर आते रहेंगे।
नीरज राजपूत,
स्टार न्यूज,
नई दिल्ली।